हम और तुम
यह रंग हमारा है,
यह तुमसे ज्यादा हमारा है।
हम सर्वधर्म समभाव वाले हैं,
हम सभी धर्मों के साथ निभाव वाले हैं।
हम कमजोरों को आरक्षण देते हैं,
हम उन्हें और अधिक आरक्षण देते हैं।
हम जलसे, जुलूस, लूटपाट और सामूहिक हत्याएं करवाते हैं,
हम और अधिक जलसे, जुलूस, लूटपाट और सामूहिक हत्याएं करवाते हैं।
हम भ्रष्टाचार मिटाएंगे,
हम तुम्हारा भ्रष्टाचार दिखाएंगे।
और अब भी तुम पूछ रहे हो -
क्यों इस तंत्र में लोक बेहाल है?
