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Thursday, October 1, 2009
मन की सोच
मन की एक सोच यह भी है कि कुछ भी मत सोचो. बिना सोचे बेहतर काम चलता है और भली प्रकार से ज़िन्दगी गुज़र जाती है. सोच सारी मुसीबतों की जड़ है. महाकवि ने कहा भी है- सब ते भले मूढ़ जिन्हें न व्यापे जगत गति.
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